दुश्मनी का मंजर

दुबई जाने वाली फ्लाइट में तीन सीटों की पंक्ति में
दो पाकिस्तानी और एक भारतीय बैठे थे,,
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
भारतीय कोने वाली सीट
पर
था और अपने जूते उतार कर
आराम से
सीट पर ही चौकड़ी मार
कर बैठ
गया,,
तभी पहला पाकिस्तानी
बोला,"
भाई मुझे
तो बहुत प्यास लगी है,
कोक पियूंगा"
भारतीय कोने में
बैठा था तो कहा
"भाई
साहब, आप बैठो, मैं लेकर
आता हूँ"
और वो एयर होस्टेज से
कोक लेने नंगे
पावँ ही चला गया,
दोनों पाकिस्तानी
मुस्कुराए और
एक ने भारतीय
के जूते में थूक दिया,,
भारतीय थोड़ी ही देर में
कोक लेकर
आया और फिर चौकड़ी
मार कर
बैठ गया, अब थोड़ी देर के
बाद
दूसरा पाकिस्तानी भी
बोला,
"मुझे
भी प्यास
लगी है, मैं भी कोक
पियूँगा"
भारतीय फिर उठा और
थोड़ी देर
के बाद कोक लेकर आ गया,
इस बीच
दूसरे पाकिस्तानी ने भी
उनके
जूते में थूक
दिया,,
दुबई पहुँचने पर भारतीय
ने अपने जूते जैसे
ही पहने, उसको सारी
बात
समझ में
आ गयी, यह देख
दोनों पाकिस्तानी
भारतीय
की हसीं उड़ाने के
अंदाज़ में
मुस्कुराने लगे,,
भारतीय बहुत ही आहत
स्वर में बोला,
" आखिर कब तक यह
दुश्मनी चलेगी,
आखिर कब तक हम भुगतते
रहेंगे,
आखिर कब तक यह मंजर
चलेगा,
आखिर कब तक तुम जूतों में
थूकते और हम
कोक में मूतते
रहेंगे...?......

टिप्पणियाँ