चलो कुछ पुराने दोस्तों के, दरवाज़े खटखटाते हैं !

चलो कुछ पुराने दोस्तों के,
दरवाज़े खटखटाते हैं !

देखते हैं उनके पँख थक चुके है,
या अभी भी फड़फड़ाते हैं !

हँसते हैं खिलखिलाकर,
या होंठ बंद कर मुस्कुराते हैं !

वो बता देतें हैं सारी आपबीती,
या सिर्फ सफलताएं सुनाते हैं !

हमारा चेहरा देख वो,
अपनेपन से मुस्कुराते हैं !

या घड़ी की और देखकर,
हमें जाने का वक़्त बताते हैं !

चलो कुछ पुराने दोस्तों के,
दरवाज़े खटखटाते हैं !

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